केरल हादसा: 30 फीट गहरी खाई में गिरा एयर इंडिया का विमान, तस्वीरों में देखें मंजर
केरल के कोझिकोड जिले के करीपुर हवाई अड्डे पर एयर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान लैंडिंग करने के दौरान रनवे से फिसल गया और 30 फीट गहरी खाई में गिर गया। इससे विमान के दो टुकड़े हो गए। दुबई से आ रहे एयर इंडिया एक्सप्रेस के इस विमान में क्रू सहित 191 लोग सवार थे। विमान में 10 नवजात बच्चे भी थे। दुबई-कोझिकोड उड़ान संख्या IX-1344 शुक्रवार की शाम 7.45 बजे लैंडिंग करते समय फिसल गया। घटना में दो पायलट सहित 18 लोगों की मौत हो गई है।
यह विमान हादसा इतना भीषण था कि विमान दो हिस्सों में बंट गया। घटना में दो पायलट सहित 18 लोगों की मौत हो गई। विमान में 191 यात्री सवार थे। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि 127 लोग अस्पताल में हैं और अन्य को छुट्टी दे दी गई है।
घटना की जांच के लिए एएआईबी, डीजीसीए और उड़ान सुरक्षा विभाग पहुंच चुके हैं। हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि यदि विमान में आग लग जाती तो हमारा काम और भी मुश्किल हो जाता। मैं हवाई अड्डे जा रहा हूं। राहत और बचाव कार्य पूरा हो चुका है, मलबे को हटाने और ब्लैक बॉक्स को खोजने की तैयारी हो रही है।
विमान खाई में गिरने के बाद दुर्घटनास्थल पर बेहद भयावह माहौल था। हर तरफ घायलों की चीखें, रोते-बिलखते बच्चे और खून से सने कपड़ों के अलावा एंबुलेंस के साइरन के शोर ने हादसे की जगह ऐसा माहौल पैदा किया किया जिसे देखकर हर कोई दहल गया।
विमान रनवे क्रमांक 10 पर उतरकर हवाई पट्टी के सिरे की तरफ दौड़ता रहा और खाई में लुढ़क गया। उड्डयन नियामक डीजीसीए के मुताबिक, हादसे के समय भारी बारिश हो रही थी और एयरपोर्ट पर दृश्यता 2000 मीटर की थी। उतरते समय विमान गीले रनवे से फिसलकर ढलान तक पहुंच गया और उसका अगला हिस्सा टूट गया।
एयर इंडिया की दुबई-कालीकट उड़ान (IX-1344) शुक्रवार की शाम 7.41 बजे लैंडिंग करते वक्त फिसल गया। जानकारी के अनुसार यह हादसा बारिश की वजह से रनवे गीला होने के चलते हुआ। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मामले की विस्तृत जांच का आदेश दिया है।
करीब 10 साल पहले यानी, 22 मई 2010 में ठीक ऐसा ही एक हादसा मंगलूरू में हुआ था। उस वक्त एयर इंडिया की फ्लाइट 812 दुबई से मंगलूरू आई थी। यह फ्लाइट भी लैंडिंग के वक्त रनवे से फिसल गई थी और पहाड़ी में गिर गई थी। इस हादसे में 158 लोगों की मौत हुई थी।
कोझिकोड में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान के पायलट कैप्टन दीपक वसंत साठे और कैप्टन अखिलेश कुमार थे। कैप्टन दीपक फाइटर पायलट थे और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र थे। वायु सेना अकादमी से स्वॉर्ड ऑफ ऑनर प्राप्त कैप्टन दीपक ने मिग विमानों को सबसे ज्यादा उड़ाया था। इन दोनों पायलटों ने अपनी जान देकर कई यात्रियों की जान बचा ली।
इस विमान हादसे से नौ साल पहले नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा गठित एक सुरक्षा सलाहकार समिति के एक सदस्य ने चेतावनी देते हुए कहा था कि करीपुर हवाई अड्डा असुरक्षित है और यहां लैंडिंग की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। हालांकि शुक्रवार को हुए हादसे से पता चलता है कि उनकी चेतावनी पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
केरल के कोझिकोड में करीपुर एयरपोर्ट पर एयर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान लैंडिंग करने के दौरान फिसल गया और खाई में गिर गया। दुबई से आ रहे इस विमान में पायलट और क्रू मेंबर समेत 191 यात्री सवार थे। विमान में सवार यात्रियों में 128 पुरुष, 46 महिलाएं और 10 बच्चे थे। हादसे में 18 लोगों की मौत हुई है और 123 लोग घायल हुए हैं। वहीं, 15 लोग गंभीर रूप से घायल हैं।
जानकारी के अनुसार, एयर इंडिया में शामिल यह विमान बोइंग 737-800 VT-AXH के रूप में पंजीकृत है। यह विमान 13.7 साल पुराना है। नवंबर 2006 में यह एयर इंडिया एक्सप्रेस को दिया गया था। बता दें कि जुलाई महीने में फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) द्वारा सभी बोइंग 737 विमान में तकनीकी खराबी का अंदेशा जताया गया था। इसके बाद डीजीसीए (DGCA) ने इसकी जांच के निर्देश भी दिए थे।
विमान हादसे में दो पायलट समेत 18 लोगों की मौत हो गई। इस विमान के पायलट कैप्टन दीपक वसंत साठे और कैप्टन अखिलेश कुमार थे। कैप्टन साठे बेहद ही अनुभवी पायलट थे और वे वायु सेना अकादमी द्वारा स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से भी सम्मानित किए गए थे। कोरोना वायरस की वजह से वे भी दुबई में फंस गए थे और लंबे समय के बाद अपने वतन लौटने को लेकर वह बहुत खुश थे लेकिन उन्हें क्या पता था कि मौत उनका इंतजार कर रही है। साठे एयर फोर्स के टेस्ट पायलट रह चुके थे। एयर फोर्स के टेस्ट पायलट बहुत सारे एयरक्राफ्ट पर टेस्ट करते हैं। पायलट ने अपनी जान गंवाते हुए अधिकांश यात्रियों की जान बचा ली।
केरल के कोझिकोड का हवाई अड्डा भौगोलिक रूप से ‘टेबल टॉप’ है। मतलब हवाई पट्टी के इर्द-गिर्द खाई है। मौसम खराब था और दृश्यता भी कम थी, शायद यही कारण था कि रनवे चूकने के बाद विमान फिसल गया और इसका अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। टेबल टॉप रनवे अमूमन पठार या पहाड़ के शीर्ष पर होता है। इसमें कई बार एक तरफ या कई बार दोनों तरफ गहरी ढाल होती है, जिसके नीचे घाटी होती है। ऐसे रनवे दिखने में जितने सुंदर होते हैं, यहां लैंडिंग उतनी ही जोखिम भरी होती है।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि एयर इंडिया, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) के पेशेवरों की दो टीम हादसे की जांच के लिए कोझिकोड जाएंगी। बचाव अभियान अब पूरा हो गया है। शहर के विभिन्न अस्पतालों में घायलों का इलाज किया जा रहा है।